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गर्लफ्रेंड की सहेली को सिपाही ने मार डाला, फोन में आपत्तिजनक वीडियो मिले, जाने कैसे खुला राज...

पीलीभीत जिले में 25 दिन पहले दफनाए जा चुके 16 वर्षीय शीरी के शव को निकलवाकर उसका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पुलिस मौत की असली वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के साथ-साथ अन्य साक्ष्य जुटाने की कोशिश कर रही है। साथ ही साथ पुलिस ने पीलीभीत में तैनात एक सिपाही व उसकी प्रेमिका सहित दो लोगों पर शीरी की हत्या सहित अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। करीब 25 दिन पहले संदिग्ध परिस्थितियों में शीरी की मौत हो गई और परिवार वालों ने शीरी की सहेली और स्थानीय थाने में तैनात एक सिपाही पर उसकी हत्या का आरोप लगाया था।
आपको बताते चले की जहानाबाद थाना क्षेत्र के अमखिडिया गांव की रहने वाली शीरी अपने दादी-बाबा के साथ घर पर रहती थी। उसके मां-बाप नेपाल में मजदूरी करते हैं। शीरी की मां जाकिरा के अनुसार, 13 अप्रैल को उन्हें बेटी के मौत की खबर मिली। अचानक जवान बेटी की मौत की खबर सुनकर माता-पिता के दिमाग में तरह-तरह के सवाल उठने लगे। माता-पिता तुरंत नेपाल से अपने घर के लिए निकल पड़े लेकिन जब तक घर पहुंचे तब तक बेटी के शव को दफनाया जा चुका था। उन्हें संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने की कहानी सुना दी गई। लेकिन माता-पिता के मन में बेटी की मौत को लेकर शक लगातार बना हुआ था और वह अपने स्तर से जांच पड़ताल में लगे हुए थे। शीरी की एक सहेली और स्थानीय थाने में तैनात एक सिपाही के प्रेम प्रसंग की जानकारी मिली तो शीरी का टूटा हुआ मोबाइल भी मिल गया फिर मां जाकिरा ने टूटा हुआ मोबाइल ठीक कराया और चलाने के लिए अपने देवर को दे दिया। देवर ने जब मोबाइल चलाया तो उसमें शीरी की सहेली और सिपाही के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो निकलने लगे। जिसको देख सभी लोग हैरान रह गए। पूरे मामले की शिकायत लेकर परिवार वाले स्थानीय थाना जहानाबाद पहुंच गए और अपनी फरियाद सुनाने लगे लेकिन जिस सिपाही पर आरोप लगा रहे थे वह पूर्व में जहानाबाद थाने में ही तैनात था। इसलिए थाना स्तर पर आरोपियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकी।
पीड़ित परिवार जब आरोपी सिपाही के पास पहुंचा और अपनी बेटी की मौत को लेकर सवाल पूछने लगा तो सिपाही उन्हें धमकाने लगा। बोला अगर मेरी प्रेमिका को कुछ हुआ तो तुझे और तेरे पूरे परिवार को जान से मरवा दूंगा। मैं पुलिस वाला हूं मेरे पास सब इंतजाम है। इसके बाद पीड़ित परिवार न्याय के लिए भटकते हुए पुलिस अधीक्षक के तक पहुंच गया। पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की जांच स्थानीय पुलिस को न देकर सीओ सदर को सौंप दिया गया है।

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