सऊदी अरब ने एशियाई देशों को लिए कच्चा तेल सस्ता कर दिया है। देश की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने अपने फ्लैगशिप अरब लाइट क्रूड की कीमत में कटौती की है और अब यह 27 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। यह भारत के लिए गुड न्यूज है क्योंकि इससे चुनावी वर्ष में पेट्रोल और डीजल की कीमत में गिरावट आ सकती है। पेट्रोल-डीजल की कीमत कम होने से महंगाई में भी कमी आने की उम्मीद है। देश में मई 2022 से पेट्रोल-डीजल की कीमत नहीं बदली है जबकि इस दौरान कच्चे तेल की कीमत में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। साथ ही इससे भारत को भारी-भरकम इम्पोर्ट बिल से भी निजात मिलेगी।
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दूसरे देशों से मिल रही चुनौती
हाल के वर्षों में सऊदी अरब को इन देशों में कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका के शेल ऑयल ने 2017 में एशिया में एंट्री की थी। लेकिन फरवरी 2019 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद सीन पूरी तरह बदल गया। साथ ही साउथ अमेरिका और अफ्रीका में नए सप्लायर्स के आने से सऊदी अरब की मुश्किलें और बढ़ गई। पश्चिमी देशों की प्रतिबंध के कारण रूस ने कच्चा तेल सस्ता किया तो भारत और चीन ने इस मौके को हाथोंहाथ लिया। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत के क्रूड आयात में रूस की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम थी। लेकिन आज रूस भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर है। रूस के ऑयल एक्सपोर्ट में चीन और भारत की हिस्सेदारी 80 परसेंट है।
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रूस से कच्चे तेल का एक्सपोर्ट बढ़ने का सबसे ज्यादा नुकसान सऊदी अरब को हुआ है। ओपेक देशों ने रोजाना उत्पादन में दो परसेंट कटौती की घोषणा की है लेकिन इससे तेल की कीमत पर कोई असर नहीं पड़ा है। यही वजह है कि सऊदी अरब ने अपने पुराने ग्राहकों को फिर से लुभाने के लिए यह कदम उठाया है। सोमवार को शुरुआती ट्रेड में ब्रेंट क्रूड 89 सेंट यानी 1.13 फीसदी गिरावट के साथ 77.87 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड भी 91 सेंट यानी 1.23 डॉलर की गिरावट के साथ 72.90 डॉलर प्रति बैरल पर है। देश में मई 2022 से पेट्रोल-डीजल की कीमत नहीं बदली है। दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये लीटर और डीजल 89.62 रुपये लीटर है।