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अयोध्या में लोगों की श्रद्धा में विश्वास का सम्मान होगा, पर्यटकों को उनकी रुचि के अनुरूप इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलेगा-सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम मन्दिर का निर्माण और श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा भारत की लोक आस्था और जनविश्वास की पुनर्स्थापना का कार्यक्रम है। इसी लोक आस्था ने उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक सम्पूर्ण भारत को एकता के सूत्र में बांधा है। जिसने भी भारत की सांस्कृतिक एकता को जानने का प्रयास किया, वही अयोध्या के महत्व को समझ सकता है। मुख्यमंत्री जी आज यहां द टाइम्स ग्रुप द्वारा आयोजित ‘डिवाइन अयोध्या कॉन्क्लेव’ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब प्रभु श्रीराम अयोध्या से 14 वर्षां के वनवास के दौरान चित्रकूट और दण्डकारण्य होते हुए सुदूर दक्षिण में श्रीलंका तक गये थे, उस समय उन्होंने भारत की जो सांस्कृतिक सीमा तय की थी, वही आज भी है। भगवान श्रीकृष्ण ने 5000 वर्ष पूर्व भारत की जो सांस्कृतिक सीमा तय की थी, वही आज भी है। एक समय भारत में अलग-अलग राजनीतिक इकाइयां थीं, लेकिन तब भी भारत सांस्कृतिक रूप से एक था। केरल से निकलकर एक संन्यासी ने भारत की सांस्कृतिक एकता के लिए देश के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धालु रामेश्वरम में गंगोत्री से तथा केदारनाथधाम में सुदूर दक्षिण से आकर जल चढ़ाते हैं और भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करते हैं। भारत में अनेक पंथ, सम्प्रदाय तथा मत हैं। यहां सैकड़ों जातियां हैं, जिनकी बोली-भाषा, खान-पान तथा रहन-सहन सब अलग-अलग हैं, लेकिन सभी भारतवासियों का भारत के प्रति भाव एक जैसा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मार्च, 2017 में प्रदेश में हमारी सरकार का गठन हुआ। उस समय रामनवमी का पर्व आने वाला था। उन्होंने अयोध्या में रामनवमी के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की और प्रशासन को श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं करने के लिए कहा था। उन्होंने प्रशासन को निर्देशित किया था कि अयोध्या में स्वच्छता होनी चाहिए और इसके माध्यम से लोगों में परिवर्तन का संदेश जाना चाहिए। सरकार के प्रयासों का श्रद्धालुओं में सकारात्मक भाव दिखायी दिया था। दीपावली का आयोजन अयोध्या से जुड़ा हुआ है। हमारी सरकार ने अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन को एक इवेन्ट के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया। द्वितीय दीपोत्सव के कार्यक्रम में दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला भागीदार बनी थीं। इसके अगले वर्ष फिजी और मॉरीशस राष्ट्र दीपोत्सव कार्यक्रम से जुड़े। कोरोना कालखण्ड में भी राज्य सरकार ने दीपोत्सव का आयोजन किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी वर्ष 2022 में आयोजित दीपोत्सव में सम्मिलित हुए और उन्होंने दीपोत्सव को नई ऊँचाई प्रदान की। गत वर्ष इस आयोजन में 54 देशों के राजनयिकों ने भागीदारी की। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में 05 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ। अयोध्या में हर वर्ष श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बढ़ती गयी है। जिस अयोध्या में वर्ष 2017 में रामनवमी के अवसर पर कुछ हजार श्रद्धालु आये थे, वहीं गत वर्ष रामनवमी के अवसर पर एक दिन में 35 लाख श्रद्धालु अयोध्या आये। अयोध्या में प्रदेश सरकार ने दीपोत्सव के लिए रामजी की पैड़ी और विभिन्न घाटों को नया स्वरूप दिया और नये घाट बनाये हैं। इससे इन श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त जगह हो गयी है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 02 वर्षां में अयोध्या में युद्धस्तर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्य हुए हैं। अयोध्या के अन्दर 04-लेन की कनेक्टिविटी दी गयी है। धर्म पथ, श्रीराम पथ, भक्ति पथ तथा श्रीराम जन्मभूमि पथ हमें एक नई अयोध्या के दर्शन कराते हैं। इन सभी पथों पर एक जैसी डिजाइन में बनें भवन दिखायी देंगे। अयोध्या को रेलवे की डबल लाइन से जोड़ा गया है। अयोध्या में अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण भी हुआ है। प्रधानमंत्री जी ने 30 दिसम्बर, 2023 को इन सभी कार्यां का लोकार्पण किया है। अयोध्या लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी तथा गोरखपुर से 04-लेन की कनेक्टिविटी से जुड़ चुका है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अन्तरराष्ट्रीय उड़ान भरने की तैयारी की जा रही है। अयोध्या का एयरपोर्ट अचानक नहीं बना। यहां की पुरानी एयर स्ट्रिप 167 एकड़ भूमि में बनी थी। यह अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के मानकों को पूरा नहीं करती थीं। प्रदेश सरकार से अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के प्रथम, द्वितीय व तृतीय चरण के कार्यां के लिए 821 एकड़ भूमि की मांग की गयी थी। अभी इस एयरपोर्ट के प्रथम चरण का कार्य सम्पन्न हुआ है, लेकिन प्रदेश सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया को 821 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी। एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को 04-लेन से जोड़ा जा चुका है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम पथ, भक्ति पथ, धर्म पथ तथा श्रीराम जन्मभूमि पथ के निर्माण हेतु सड़कों के चौड़ीकरण की आवश्यकता थी। इसके लिए उन्होंने पहल करते हुए लोगों से संवाद किया और लोगों को आश्वस्त किया कि किसी को भी उजाड़ा नहीं जाएगा, उनका सम्मानजनक ढंग से पुनर्वास किया जाएगा। हमनें वहां सभी का पुनर्वास किया। हमारा विश्वास है कि लोकतांत्रिक सरकार को जनता से संवाद बनाने में संकोच नहीं करना चाहिए। संवाद हमारी सबसे बड़ी ताकत है। लोकतंत्र इसी संवाद के कारण जीवित रहता है। हमारी सरकार ने लगातार लोगों से संवाद स्थापित किया है। श्रीराम पथ, भक्ति पथ, धर्म पथ तथा श्रीराम जन्मभूमि पथ के निर्माण के लिए कुछ नये तरीके भी अपनाये गये। जिनकी दुकानें चौड़ीकरण के दायरे में आयीं, उन्हें एफ0ए0आर0 में छूट दी गयी। मल्टी लेवल पार्किंग बनवायी गयी, इनमें कॉमर्शियल स्पेस दिया गया। यह सभी कार्य एक साथ किये गये, जिसके परिणामस्वरूप आज अयोध्या के निवासियों में संतुष्टि है। श्रद्धालु इस विश्वास के साथ अयोध्या आ रहे हैं कि उन्हें बेहतरीन सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में किये जा रहे कार्य जन आस्था के साथ ही लाखों लोगों के रोजगार सृजन का माध्यम भी बने हैं। बहुत से लोगों की आजीविका इनसे जुड़ेगी। पहले अयोध्या में अच्छे होटल तथा धर्मशाला नहीं थे, मठों भी स्थिति अच्छी नहीं थी। आज धर्माचार्य, अन्य लोग तथा सरकार इनके पुनरुद्धार में रुचि ले रहे हैं। लोग स्वच्छता के बारे में आग्रही हुए हैं। अयोध्या में होम स्टे के लिए अब तक 1000 लोगों ने आवेदन किया है। होम स्टे के माध्यम से अतिथि देवो भवः के साथ ही स्वयं की आजीविका को भी जोड़ने का कार्य लोग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में फाइव स्टार तथा सेवेन स्टार होटल बन रहे हैं। अयोध्या में 08 होटल बन चुके हैं तथा लगभग 25 नये प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। अयोध्या में देश के पहले सेवेन स्टार शाकाहारी होटल के निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। अयोध्या में पंच कोसी, चौदह कोसी तथा चौरासी कोसी परिक्रमा मार्गां के पुनरुद्धार के कार्य हुए हैं। यहां क्रूज सेवा की सोच साकार हुई है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या नवनिर्माण के दौर से आगे बढ़ रही है। यहां श्रद्धा भाव से लोग आएंगे। साथ ही, अन्य लोग नयी अयोध्या को देखने पर्यटन के भाव से भी आएंगे। हमें इन दोनों को ध्यान में रखकर कार्य करना है। आज की अयोध्या में लोगों की श्रद्धा में विश्वास का सम्मान भी होगा और पर्यटकों को उनकी रुचि के अनुरूप इन्फ्रास्ट्रक्चर भी मिलेगा। भारत की परम्परा में अयोध्या सप्तपुरियों में प्रथम है। अयोध्या आकर लोगों को यहां की पौराणिक और ऐतिहासिक परम्परा को देखने, समझने व जानने का अवसर प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब अयोध्या की गलियों में दीपोत्सव होंगे। अयोध्या राम नाम संकीर्तन से गुंजायमान होगी। नयी अयोध्या को इस रूप में प्रस्तुत करने की प्रेरणा प्रधानमंत्री जी ने हमें दी है। यह नयी अयोध्या है, जिसमें नाविक, टैक्सी, ई-रिक्शा तथा ई-बसों सभी के लिए असीम सम्भावनाएं हैं। अयोध्या को देश की पहली सोलर सिटी बनाने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। अयोध्या सिटी को 200 ई-बसें उपलब्ध करायी गयी हैं। आने वाले समय में इसे 500 किया जाएगा। अयोध्या सर्वांगीण विकास के मार्ग पर आगे बढ़ सके, इसके लिए सरकार अनेक कार्यक्रम चला रही हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या शोध संस्थान के माध्यम से अयोध्या के पुरातात्विक महत्व को उजागर करने तथा मन्दिर म्यूजियम के माध्यम से भारत में मन्दिरों की शैली को दर्शाने के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा रहा है। अयोध्या में उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य तथा पर्यटन के क्षेत्र में सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए डबल इंजन की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या के पर्यटन, आर्थिक उन्नयन तथा अन्य विषयों के दृष्टिगत ‘डिवाइन अयोध्या कॉन्क्लेव’ के आयोजन के लिए द टाइम्स ऑफ इण्डिया तथा नव भारत टाइम्स को बधाई देते हुए कहा कि यह असीम सम्भावनाओं का आयोजन है। यह कॉन्क्लेव अपने उद्देश्यों में सफल होगा। यहां जो महत्वपूर्ण सुझाव आएंगे, सरकार उनका गम्भीरतापूर्वक क्रियान्वयन करेगी। कॉन्क्लेव को सम्बोधित करते हुए द टाइम्स ऑफ इण्डिया, लखनऊ के रेजीडेन्ट एडिटर श्री प्रवीन कुमार ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समकालीन इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में आज अयोध्या तेजी से विकास कर रही है। विगत 07 वर्षां में उत्तर प्रदेश में अनेक परिवर्तन हुए हैं। यहां कार्य संस्कृति में बदलाव आया है। प्रदेश की सुदृढ़ कानून व्यवस्था से लोगों में सुरक्षा को लेकर आत्मविश्वास का भाव बना है। इस अवसर पर शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, द टाइम्स ऑफ इण्डिया ग्रुप के पदाधिकारीगण एवं ट्रेवल राइटर्स उपस्थित थे।

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