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कारसेवकों पर फायरिंग को शिवपाल यादव ने ठहराया जायज, अयोध्या के संतो ने कहा सत्ता के लिए गोली चलवाई गयी...

एक तरफ प्राण प्रतिष्ठा समारोह राम भक्तों में उत्सुकता बढ़ा रहा है तो वहीं दूसरी ओर राजनेताओं के लिए यह सियासत की रोटी सेकते नजर आ रहे है. इसी बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य और सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव का कारसेवकों पर दिए गया बयान, उनको विवादों के घेरे में ला खड़ा कर दिया है. शिवपाल यादव ने कहा कि अयोध्या में कारसेवकों पर जो गोली चलाई गई थी उसे संविधान बचाने के लिए किया गया था. वहीं, शिवपाल के इस बयान पर अयोध्या के संत-समाज में काफी गुस्सा हैं और उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए नहीं बल्कि सत्ता के लिए गोली चलवाई गई थी.
सपा नेता शिवपाल यादव के बयान पर आचार्य बालकदास ने कहा कि सत्ता के लिए गोली चलाई इसमें संविधान को रक्षा कैसे. वो सबसे बुरा समय था. वहीं आचार्य बृजमोहन दास ने कहा कि संविधान बनाने वाले हैं संत और उनपर गोली चलाओगे. संविधान बनाया होता तो आज उस पद पर बैठे होते जहां उसे असल में बनाने वाले बैठे हैं.
कुर्सी के लिए गोली चलाई आचार्य रामदास ने कहा कि अपनी कुर्सी और अपनी रक्षा के लिए गोली चलाई. कारसेवकपुरम में ट्रक से लाशों को ढोया और सरयू में फेंका गया था. सपा को देखते ही यादें ताजा हो जाती है, हम राजनीति नहीं करते. वहीं सियारघुबर दास ने कहा कारसेवक पर गोली चलाना गलत है.
आचार्य गरीबन दास ने कहा कि रामभक्तों के साथ अन्याय हुआ और आचार्य योगेश ने कहा कि कोई संविधान ये नहीं कहता कि कारसेवकों पर गोली चलाओ. अपनी राजनीति की रक्षा करने के लिए गोली चलाई. दुःख होता है हृदय में चोट है कि राम भक्त चले गये. इसके अलावा आचार्य राजेंद्र कुमार चौबे (वैष्णव सम्प्रदा) ने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए क्या गोली चलवाई. नालियां खूनों से बह गई. ऐसा दृश्य था कि महीनों तक भोजन नहीं हो पाता था.

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