वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीले प्रदर्शन के चलते कैलेंडर वर्ष 2023 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआइ) घरेलू इक्विटी बाजारों में जमकर निवेश कर रहे हैं। डिपाजिटरी के डाटा के अनुसार, इस वर्ष 15 दिसंबर तक एफपीआइ भारतीय इक्विटी बाजारों में 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।
जानकारों का कहना है कि एफपीआइ का यह सकारात्मक रुख 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है। दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि के चलते एफपीआइ ने पूरे 2022 में घरेलू इक्विटी बाजारों से 1.21 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी। जबकि इससे पहले लगातार तीन वर्षों तक एफपीआइ शुद्ध रूप से निवेशक रहे थे।
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मार्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि अगले वर्ष जैसे-जैसे आम चुनाव नजदीक आएंगे, विदेशी निवेशकों के लिए राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास केंद्र बिंदु बन जाएंगे। इसके अलावा एफपीआइ मुद्रास्फीति और वैश्विक स्तर पर ब्याज दर परि²श्य के आधार पर भारतीय बाजारों में निवेश करेंगे।
डाटा के अनुसार, दिसंबर में अब तक इक्विटी बाजारों में एफपीआइ निवेश 43 हजार करोड़ के स्तर को पार कर चुका है। इससे पहले मई, जून और जुलाई में भी एफपीआइ ने इक्विटी बाजारों में 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया। 2023 में अब तक चार महीने ऐसे रहे हैं, जब एफपीआइ ने इक्विटी बाजारों से शुद्ध रूप से निकासी की है।
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एफपीआइ के शीर्ष निवेश स्थलों में से भारत एक है। वैश्विक निवेशक समुदाय में अब इस बात पर लगभग सहमति बन गई है कि आने वाले कई वर्षों तक निरंतर विकास के लिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत के पास सबसे अच्छी संभावनाएं हैं। नौ कंपनियों का पूंजीकरण 2.26 लाख करोड़ बढ़ाबीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में रही तेजी की बदौलत बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष-10 में से नौ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 2.26 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इस दौरान टीसीएस के पूंजीकरण में सबसे ज्यादा 85,493.74 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
इसी प्रकार, इन्फोसिस के पूंजीकरण में 36,793.61 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। इसके अलावा एसबीआइ में 30,700.67 करोड़, रिलायंस में 26,386.16 करोड़, आइसीआइसीआइ बैंक में 18,493.9 करोड़, एलआइसी में 14,294.5 करोड़, आइटीसी में 11,412.78 करोड़, एचडीएफसी बैंक में 2,428.72 करोड़ और एचयूएल के पूंजीकरण में 387.69 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। वहीं, भारती एयरटेल के पूंजीकरण में 3,654.15 करोड़ रुपये की कमी रही।