बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार (Nitish Kumar Statement On Education) द्वारा दिए गए बयान के बाद से जंग छिड़ गई है। नीतिश कुमार के बयान के बाद कई लोग उनका समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं तो वहीं कई लोग नीतिश कुमार को महिलाओं से माफी मांगने की सलाह दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग दो हिस्सों में बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं।वहीं, इस मुद्दे को लेकर जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिला शिक्षा के महत्व पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टिप्पणी को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा और शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के बीच सोशल मीडिया X पर युद्ध छिड़ गया है। नीतीश कुमार ने जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं के बीच शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए राज्य विधानसभा में एक विवरण रखा कि कैसे एक शिक्षित महिला अपने पति को संभोग के दौरान रोक सकती है। NCW ने कहा कि वह विधानसभा में कुमार द्वारा दिए गए हालिया बयानों की कड़ी निंदा करता है। ऐसी टिप्पणियाँ न केवल प्रतिगामी हैं बल्कि महिलाओं के अधिकारों और विकल्पों के प्रति बेहद असंवेदनशील भी हैं।
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बिहार के मुख्यमंत्री को इन बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए देश भर की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।NCW ने कहा कि वह विधानसभा में कुमार द्वारा दिए गए हालिया बयानों की कड़ी निंदा करता है। ऐसी टिप्पणियाँ न केवल प्रतिगामी हैं बल्कि महिलाओं के अधिकारों और विकल्पों के प्रति बेहद असंवेदनशील भी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री को इन बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए देश भर की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने भी बिहार के मुख्यमंत्री से तत्काल और स्पष्ट माफी की मांग की।
रेखा शर्मा ने X पर लिखा, इस देश की प्रत्येक महिला की ओर से, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में, मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तत्काल और स्पष्ट माफी की मांग करती हूं। विधानसभा में उनकी अमर्यादित टिप्पणी उस गरिमा और सम्मान का अपमान है जिसकी हर महिला हकदार है। उनके भाषण के दौरान इस्तेमाल की गई ऐसी अपमानजनक और घटिया भाषा हमारे समाज पर एक काला धब्बा है। यदि कोई नेता लोकतंत्र में इतनी खुलेआम ऐसी टिप्पणियां कर सकता है, तो कोई केवल कल्पना हीकर सकता है कि उसके नेतृत्व में राज्य को कितनी भयावहता का सामना करना पड़ रहा होगा। हम इस तरह के व्यवहार के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं और जवाबदेही की मांग करते हैं।