भारत के कड़े विरोध के बावजूद कनाडा में भारत विरोधी खालिस्तानी विद्रोह रुकने का नाम नहीं ले रहा है। खालिस्तानी संगठन सिक्ख फॉर जस्टिस ने एक बार फिर अलग देश खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह का आयोजन किया है। एसएफजे ने दावा किया है कि इस जनमत संग्रह में कुल साठ हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है। भारत और कनाडा में जारी राजनयिक विवाद के बीच कनाडा में भारत विरोधी एजेंडा थमने का नाम नहीं ले रहा है। कनाडा में फल-फूल रहे भारत विरोधी संगठन सिक्ख फॉर जस्टिस ने एक बार फिर अलग देश खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करवाया है। एसएफजे ने दावा किया है कि इस जनमत संग्रह के बाद अब तक हुए दो जनमत संग्रह में कुल मिलाकर दो लाख से ज्यादा लोगों ने वोटिंग की है।
अनौपचारिक खालिस्तान जनमत संग्रह का यह दूसरा चरण था, जिसे कट्टरपंथी समूह सिक्ख फॉर जस्टिस ने कराया था। यह जनमत संग्रह 29 अक्टूबर को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सर्रे शहर में आयोजित किया गया। एसएफजे के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि इस जनमत संग्रह में कुल साठ हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
भारत विरोधी संगठन सिक्ख फॉर जस्टिस द्वारा आयोजित यह जनमत संग्रह इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि यह जनमत संग्रह उसी गुरुद्वारे में हुआ है, जिस गुरुद्वारे के बाहर जून 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर में निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाते हुए नई दिल्ली के एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया था। इसके कुछ घंटे बाद ही भारत ने भी कनाडा के एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित कर देश छोड़ने के लिए कहा था. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।